अधिवेशन की अध्यक्षता पूज्य स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी (संयोजक एवं महासचिव) हिन्दू धर्म आचार्य सभा ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में स्वामीजी ने सामंजस्यपूर्ण समाज के लिए निष्पक्षता के महत्व एक दूसरे का सम्मान करने और विविधता को अपनाते हुए व्यक्तिगत भिन्नताओं की सराहना करने पर जोर दिया। अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेश मुनि जी ने अपने सुंदर विचारों को श्रोताओं के साथ साझा किया।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जी20 के आधिकारिक कार्यकारी समूह सी20 की ‘वैविध्यम्, संनिवेशनम्, समर्चनम्’ कार्यसमिति के अन्तर्गत इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज़, भारतीय विद्या भवन एवं कर्मा फाउंडेशन ने जी20 सम्मेलन के सामानान्तर, ‘लीडिंग लाइट्स’ ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न आध्यात्मिक पंथों के गुरुजन ने सामाजिक सद्भाव स्थापित करने के लिए धार्मिक एकता का संदेश दिया एवं सामाजिक एकता को सुदृढ़ करने और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना और अवधारणा का प्रचार करने के लिए प्रेरित किया।
स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी, आचार्य लोकेश मुनि जी, स्वामी अव्ययानंद सरस्वती जी, बीके आशा दीदी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, डॉ. चिन्मय पंड्या जी, गुइल वानगीने जी और गुरु एस सिरियाक वाले जी ने अपने आध्यात्मिक प्रवचन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक श्लोकों के उच्चारण व मंत्रोच्चारण से हुई।
प्रो. शशि बाला ने स्वागत भाषण दिया और ध्वनि जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया, जिसमें दुनिया भर के लोगों की भागीदारी देखी गई।
अधिवेशन की अध्यक्षता पूज्य स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी (संयोजक एवं महासचिव) हिन्दू धर्म आचार्य सभा ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में स्वामीजी ने सामंजस्यपूर्ण समाज के लिए निष्पक्षता के महत्व, एक दूसरे का सम्मान करने और विविधता को अपनाते हुए व्यक्तिगत भिन्नताओं की सराहना करने पर जोर दिया।
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेश मुनि जी ने अपने सुंदर विचारों को श्रोताओं के साथ साझा किया और दुनिया के कल्याण के लिए एक दूसरे के साथ-साथ प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने पर ध्यान केंद्रित किया।
चिन्मय मिशन के स्वामी अव्ययानंद जी ने समावेशिता की प्रासंगिकता पर जोर देने और समाज में एकता लाने के लिए भागवत गीता, शास्त्रों और हमारे प्राचीन ग्रंथों से अंतर्दृष्टि साझा की।
ब्रह्मा कुमारिस ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशक, बीके आशा दीदी ने इस तथ्य पर जोर दिया कि हम सभी एक सर्वोच्च भगवान की आत्माएं और संतान हैं । उन्होंने एक पूर्ण जीवन जीने ke लिए स्वयं का आत्मनिरीक्षण करने पर ज़ोर दिया।
साध्वी भगवती सरस्वती जी, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस की महासचिव और एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता ने एक शक्तिशाली और करुणामय भाषण दिया और अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर अग्रसर होने का पथ प्रशासित किया जिससे प्रत्येक मनुष्य समाज में अपनी अहम भूमिका निभाने में समर्थ हो।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ चिन्मय पंड्या जी ने अद्वितीय भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आत्मसात करके, एक बार फिर से विश्व के आध्यात्मिक गुरु बनने के लिए भारतीय मूल्य प्रणाली के महत्व को दोहराया।
लिथुआनिया से गेले वनागिएने ने ‘प्राचीन बाल्टिक धार्मिक समुदाय रोमुवा परंपरा में स्त्री शक्तियों’ पर अपने विचार साझा किए। एस एस आर एफ शोध केंद्र के सद्गुरु साइरियाक वाले ने विश्व में परिवर्तन लाने के लिए स्वयं को बदलने के महत्व पर प्रकाश डालाI
सभी आध्यात्मिक नेताओं ने परस्पर प्रेम, करुणा, सहानुभूति, सहिष्णुता के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया और इन मूल्यों का प्रचार करने के लिए एक सार्वभौमिक आवाज के रूप में एक साथ आए।
प्रोफेसर शशि बाला, सी20 की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्य और बीवीबी में डीन इंडोलॉजी ने दर्शकों को जी20, सी20 और एक प्रगतिशील और समावेशी दुनिया के निर्माण के लिए भारत की अंतर्निहित आध्यात्मिक शक्ति की प्रासंगिकता के बारे में जानकारी दी। समापन भाषण भारतीय विद्या भवन, दिल्ली केंद्र के निदेशक श्री अशोक प्रधान ने दिया।
ध्वनि जैन- संस्थापक कर्मा फाउंडेशन ने कार्यक्रम का संचालन किया और सभी प्राणियों के कल्याण के लिए ‘लोकः समस्तः सुखिनो भवन्तु’ प्रार्थना का उच्चारण करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।